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दिल के होठों से यूँ , मुस्काये मेरी ज़िन्दगी ,
ख़ुद ही साँसों से महक , जाये मेरी ज़िन्दगी !

है चमकती धूप और , है यहाँ दिलकश समां ,
दुआओं से है रोज़ सँवरी , जाये मेरी ज़िन्दगी !

चाँद भी तारे भी हैं , और चाँदनी मदहोश है ,
रात को इक जश्न सा , मनाये मेरी ज़िन्दगी !

जो भी चाहूँ मैं ज़रा , वो हो रहा है सब यहाँ ,
ख़्वाब सारे यूँ ही सच , बनाये मेरी ज़िन्दगी !

क़ुदरती हर बात है , ये क़ुदरती सौग़ात है ,
क़ुदरतों सा हर पल यूँ , सजाये मेरी ज़िन्दगी !

रवि ; दिल्ली : १८ अप्रैल २०१४