हिसाब ! July 27 2013| 0 comments | Category : Poetry , Shayari ना ज़िन्दगी में कुछ भी , बेहिसाब होता है , हर ग़लती की सज़ा का , हिसाब होता है ! रवि ; दिल्ली : २६ जुलाई २०१३