आँसू जो ये बहते हैं ,
यादों का किनारा है !

आहें जो निकलती हैं ,
ज़ख़्मों का सहारा है !

जो मुड़ के पीछे देखूँ ,
खुद वक़्त बेचारा है !

ना प्यार मिले जिसको ,
क़िस्मत का मारा है !

ग़र साथ हों तक़दीरें ,
हर ख़्वाब सितारा है !

रवि ; दिल्ली : २२ सितम्बर २०१३