कर डाले दिल के टुकड़े हज़ार मेरे ,
तेरे नयन की धार एक कटार हो गयी !
सोचते थे अब तक तनहाई में तुझे ,
तू ख़्वाब में भी आज से शुमार हो गयी !

रवि ; दिल्ली : ३० सितम्बर २०१३